यादों की किताब आपकी जिंदगी का हमसफ़र
Sunday, May 25, 2008
Tuesday, May 20, 2008
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यादों की किताब सागर जिले के पाठकों के लिए लेकर आ रहा है कैसा हो हमारा सागर प्रतियोगिता 2008
Sunday, May 18, 2008
Saturday, May 10, 2008
मां तुम कहां होमां मुझे तेरा चेहरा याद आता हैवो तेरा सीने से लगाना,आंचल में सुलाना याद आता है।क्यों तुम मुझसे दूर गई,किस बात पर तुम रूठी हो,मैं तो झट से हंस देता था।पर तुम तोअब तक रूठी हो।रोता है हर पल दिल मेरा,तेरे खो जाने के बाद,गिरते हैं हर लम्हा आंसू ,तेरे सो जाने के बाद।मां तेरी वो प्यारी सी लोरी ,अब तक दिल में भीनी है।इस दुनिया में न कुछ अपना,सब पत्थर दिल बसते हैं,एक तू ही सत्य की मूरत थी,तू भी तो अब खोई है।आ जाओ न अब सताओ,दिल सहम सा जाता है,अंधेरी सी रात मेंमां तेरा चेहरा नजर आता है।आ जाओ बस एक बार मांअब ना तुम्हें सताउंगा,चाहे निकलेजान मेरी अब ना तुम्हें रूलाउंगा।आ जाओ ना मां तुम,मेरा दम निकल सा जाता है।हर लम्हा इसी तरह ,मां मुझे तेरा चेहरा याद आता है।-------------------.
Monday, May 5, 2008
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