Saturday, March 8, 2008

देश और दुनिया की ताजा ख़बरों के लिए क्लिक कीजिये !





आज भी पलक जब झपके




आज भी पलक जब झपके
आए सामने तेरा चेहरा
तुम क्या गई हो ज़िंदगी से
हो गया हूँ और भी तनहा
तुम्हारी वो हँसी


अब भी याद आती है
वो पहली मुलाकात
मुस्कान छोड़ जाती है !
तुम्हारी बातों के वाना
दिल में अब तक मचला करते हैं
क्यों दिल की बात न कह सके
अपने आप से शिकायत करते हैं !
बेवफाई का दाग तुम्हे देके
अपने आप को बचाना चाहते हैं
लफ्जों के बानों से हा
ममोहोब्बत इन्तेहा जताना चाहतें हैं !




दीपक जोक की रचना






No comments: